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Vinod Yadav suicide की कहानी जो सबको सोचने पर मजबूर कर दे”

Indore : कभी-कभी सबसे मजबूत दिखने वाले लोग सबसे गहरी तकलीफ छुपाए होते हैं। और जब वो तकलीफ बोलती नहीं, तो उसकी चुप्पी मौत बन जाती है।

मध्य प्रदेश के Indore से आई इस खबर ने पूरे पुलिस विभाग और आम लोगों को हिला कर रख दिया। बुधवार की रात Head Constable Vinod Yadav ने आत्महत्या कर ली। यह कोई सामान्य मामला नहीं था। यह एक ऐसे इंसान की दुखद कहानी है, जिसने 17 साल तक सेवा की, लेकिन खुद की लड़ाई में अकेला पड़ गया।

चुपचाप बीतता दर्द

Vinod Yadav कोई नामी अफसर नहीं थे। वो रोज़ ड्यूटी पर जाते, नियम से काम करते और चुपचाप लौट आते। लेकिन उनकी वर्दी के पीछे एक इंसान था — एक ऐसा इंसान जो अंदर ही अंदर टूट रहा था।

प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें blackmail किया जा रहा था। एक महिला उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रही थी और उनसे पैसे मांग रही थी। सोचिए, जो हमें अपराधियों से बचाते हैं, वो खुद एक मानसिक अपराध का शिकार बन गए।

बुधवार को उन्होंने शाम 5:30 बजे Pardesipura Police Station छोड़ा, लेकिन 6:30 बजे की roll call में वापस नहीं लौटे। कुछ घंटों बाद वो अपने MIG area स्थित सरकारी क्वार्टर में फंदे पर लटके मिले।

ब्लैकमेल का आरोप

महिला की पहचान Shalu alias Shanu Rana के रूप में हुई है, जो Kanadia क्षेत्र की निवासी है। बताया जा रहा है कि घटना वाले दिन उसने Vinod को कई बार फोन किया था। एक कॉल पर उन्होंने आत्महत्या की बात भी कही थी।

जब वो उनके घर पहुंची, तो सब कुछ खत्म हो चुका था।

पुलिस ने Shalu Rana को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और उनके फोन की जांच चल रही है।

एक ज़िम्मेदार अफसर, एक संवेदनशील इंसान

Vinod Yadav मूलतः Haryana के निवासी थे और करीब 17 वर्षों से Madhya Pradesh Police में कार्यरत थे। हाल ही में उनकी बेटी की शादी हुई थी और उनका परिवार 10 दिन पहले ही हरियाणा गया था।

सहकर्मियों के अनुसार, वो शांत और अनुशासित स्वभाव के थे। हाल के दिनों में वे कुछ कम मिलते-जुलते थे, लेकिन आत्महत्या जैसा कदम कोई सोच भी नहीं सकता था।

यह सिर्फ एक मौत नहीं है, एक चेतावनी है

यह सिर्फ एक अफसर की मौत नहीं है — यह हमारे सिस्टम की खामियों की गूंज है। जब police personnel जैसे लोग भी mental health से जूझते हैं और किसी से बात नहीं कर पाते, तो यह समाज के लिए एक खतरे की घंटी है।

क्यों Vinod Yadav मदद नहीं मांग पाए?

क्यों उन्हें लगा कि आत्महत्या ही आखिरी रास्ता है?

इन सवालों के जवाब हम सबको ढूंढने हैं।

अब क्या बदलना चाहिए?

Mental health in police को गंभीरता से लेना होगा।

Blackmail laws in India को मजबूत बनाना होगा।

समाज को सुनना सीखना होगा — परिवार, दोस्त, सहकर्मी… किसी की चुप्पी को नज़रअंदाज़ न करें।

अंतिम शब्द

Vinod Yadav suicide सिर्फ एक खबर नहीं, एक सबक है। वो अफसर जिसने 17 साल सेवा की, वो इस दुनिया से एकदम अकेले चला गया। अब ज़रूरत है कि हम जागें, सुधार करें और यकीन दिलाएं कि “आप अकेले नहीं हैं।”

Rest in peace,

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