“Mumbai Local Train Accident: आज सुबह की एक छोटी गलती, 6 लोगों की जान ले गई!”

मुंबई, 9 जून 2025 — एक आम सोमवार की सुबह। लोग ऑफिस जाने की जल्दी में, लोकल ट्रेन में भीड़ का सामना करते हुए सफर कर रहे थे। लेकिन Diva और Mumbra स्टेशन के बीच अचानक जो हुआ, उसने पूरे शहर को हिला कर रख दिया।

इस भयानक Mumbai Local Train Accident में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई और 7 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

इस हादसे ने फिर से एक सवाल खड़ा कर दिया है — क्या Mumbai Local Trains Safe हैं?

Mumbai local train accident

हादसा कैसे हुआ?

दो ट्रेनें — एक Kasara-bound Fast Local और दूसरी CSMT जाने वाली ट्रेन, एक-दूसरे के समानांतर पटरी पर चल रही थीं। दोनों ट्रेनों में भीषण भीड़ थी। कई यात्री रोज़ की तरह दरवाजों पर लटक कर सफर कर रहे थे।

जैसे ही दोनों ट्रेनें एक मोड़ पर पास आईं, दरवाजों पर लटकते यात्री एक-दूसरे से टकरा गए और नीचे पटरी पर गिर पड़े।

जिन ट्रेनों से हम रोज़ सफर करते हैं, क्या वो हमारे लिए Safe Transport in Mumbai बन पाई हैं?

मृतकों में कौन-कौन शामिल है?

इस हादसे में Vicky Babasaheb Mukhyadal, एक 34 वर्षीय GRP कांस्टेबल की भी मौत हो गई। वो ड्यूटी पर जा रहे थे। शायद सुबह घर से यह कहकर निकले होंगे कि “शाम तक लौट आऊंगा” — लेकिन वो लौट नहीं पाए।

बाकी मृतकों में भी ज़्यादातर 25-35 वर्ष के युवक थे — जो सिर्फ अपने रोज़ के काम पर जा रहे थे।

राहत और बचाव कार्य

जैसे ही गार्ड ने घटना देखी, उसने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दी। रेलवे सुरक्षा बल, पुलिस और एम्बुलेंस मौके पर पहुंची और घायलों को Kalwa Civil Hospital और Shivaji Hospital पहुंचाया गया।

CM Eknath Shinde और Deputy CM Devendra Fadnavis ने शोक व्यक्त किया और हादसे की जांच के आदेश दिए।

क्या यह रोका जा सकता था?

बिल्कुल।

हर दिन 8 Million Daily Passengers मुंबई लोकल से सफर करते हैं। उनमें से लाखों लोग दरवाजे पर लटक कर यात्रा करने को मजबूर हैं।

Diva–Mumbra route पहले से ही खतरनाक माना जाता है। लेकिन अब तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। हादसे के बाद थोड़ी देर के लिए ध्यान जाता है, लेकिन फिर वही भीड़, वही लापरवाही।

रेलवे ने क्या कदम उठाए?

हादसे के तुरंत बाद Central Railway ने तीन बड़े फैसले लिए:

1. सभी ट्रेनों में Automatic Doors in Mumbai Local Trains लगाए जाएंगे।

2. Trackside Barriers बनाए जाएंगे ताकि यात्री पटरी पर न गिरें।

3. गार्ड्स और ड्राइवर्स को संवेदनशील रूट्स पर विशेष सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं।

मुंबई – एक भागती दौड़ती ज़िंदगी… लेकिन किस कीमत पर?

मुंबई कभी रुकती नहीं। लेकिन आज, कुछ परिवारों की दुनिया थम गई।

एक पिता, एक बेटा, एक दोस्त — जो सिर्फ अपने काम पर जा रहा था, अब कभी वापस नहीं आएगा।

हम रोज़ इस लोकल से सफर करते हैं — लेकिन क्या अब हमें डर के साथ सफर करना होगा?

निष्कर्ष

ये हादसा सिर्फ एक तकनीकी गलती नहीं थी — ये Public Transport Negligence का जीता-जागता सबूत है।

अब वक्त है कि हम सिर्फ शोक न मनाएं, बल्कि सवाल पूछें। मांग करें कि रेलवे सिर्फ वादे न करे, Real Safety Measures in Mumbai Locals लागू करे।

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